केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की सहकारी समितियों और एक हजार आठ सो इक्यावन कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के रजिस्ट्रार कार्यालयों का कम्प्यूट्रीकरण करने तथा उन्हें और सशक्त बनाने का निर्णय लिया है। प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों की कम्प्यूट्रीकरण योजना की तर्ज पर तेरह राज्यों में कार्यरत कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के कम्प्यूट्रीकरण के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना को मंजूरी दी गई है। राष्ट्रीय एकीकृत सॉफ्टवेयर और सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों के कम्प्यूट्रीकरण के माध्यम से ऐसा किया जाएगा। सहकारिता मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि एक केन्द्रीय निगरानी इकाई की स्थापना की जाएगी जो इस योजना के सफल कार्यान्वयन की दिशा में कार्य करेगी।
इस योजना पर कुल दो सौ पच्चीस करोड रुपये का खर्च आने का अनुमान है। मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के कार्यान्वयन से न केवल राज्यों के सहकारी विभागों तथा कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के कार्यालयों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं तक लोगों की पहुंच में तेजी आएगी बल्कि इन कार्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता और एकरूपता भी आएगी जिससे ये अधिक कारगर तरीके से काम कर पाएंगे और इससे समय की भी बचत होगी।