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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- महिला आरक्षण विधेयक से महिलाओं के नेतृत्व में विकास यात्रा शुरू होगी

लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर आज चर्चा हुई। विधेयक में लोकसभा और राज्‍य विधानसभाओें में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। संविधान (128वां) संशोधन विधेयक-2023 कल नये संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के पहले दिन पेश किया गया था। प्रस्‍तावित कानून को नारी शक्ति वंदन अधिनियम कहा जाएगा।

  
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के साथ महिलाओं के नेतृत्‍व में विकास की शुरूआत होगी। उन्‍होंने कहा कि इस विधेयक से नीति-निर्माण में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी। श्री शाह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण कई दलों के लिए राजनीतिक मुद्दा हो सकता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए यह राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि उसकी कार्य संस्‍कृति है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में इस सरकार के गठन के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और भागीदारी पर विशेष ध्‍यान दिया गया है। जन धन खाते का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि 70 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि देशभर में 11 करोड 72 लाख शौचालय बनाये गये हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण को दिखाता है। श्री शाह ने कहा कि महिलाओं के लिए तीन करोड मकान बनाये गये और 12 करोड घरों को नल से जल की सुविधा से जोड़ा गया है। उन्‍होने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्‍तर्गत तीन करोड महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।

  
इससे पहले विधेयक पेश करते हुए केन्‍द्रीय विधि और न्‍याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्‍होंने कहा कि इससे महिलाओं के लिए समानता के अवसर बढेंगे। श्री मेघवाल ने कहा कि सरकार ने देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताएं दूर करने के लिए अनेक उपाय किये हैं।

  
चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय नारी का धैर्य समुद्र के समान है और वह नदी की तरह सबके कल्‍याण के लिए काम करती है। सरो‍जिनी नायडू, अरुणा आसफ अली, राजकुमारी अमृत कौर जैसी महान विभूतियों के योगदान की याद दिलाते हुए श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि महिलाओं ने स्‍वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक भारत के निर्माण में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया। श्रीमती गांधी ने मांग की कि जाति-जनगणना कराकर तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्‍य पिछडे वर्गों के उप कोटे के साथ महिला आरक्षण विधेयक तत्‍काल लागू किया जाए। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को देरी से लागू करना भारतीय महिलाओं के प्रति अन्‍याय होगा। उन्‍होंने कहा कि सरकार को इस विधेयक के प्रभावकारी कार्यान्‍वयन के मार्ग में आने वाली सभी रुकावटें दूर करनी चाहिए।

  
कांग्रेस के राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक एक बडा कदम है और इस सदन में सब इस बात पर सहमत हैं कि यह देश की महिलाओं के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण कदम है। जाति आधारित जनगणना की मांग करते हुए उन्‍होंने कहा कि विधेयक में अन्‍य पिछडा वर्ग को आरक्षण दिया जाना चाहिए और यह विधेयक तत्‍काल लागू किया जाना चाहिए।

  
डीएमके की कनीमोझी करूणानिधि ने भी विधेयक का समर्थन किया। उन्‍होंने कहा कि  महिला आरक्षण विधेयक भारतीय जनता पार्टी का चुनावी वादा है लेकिन इस विधेयक को लाने और पारित कराने के लिए कई नेताओं को उनसे आग्रह करना पडा। उन्‍होंने विधेयक के वास्‍तविक कार्यान्‍वयन को लेकर सवाल उठाये। उन्‍होंने जनगणना नहीं कराये जाने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर परिसीमन, जनगणना के आधार पर होगा तो इससे दक्षिण राज्‍यों का प्रतिनिधित्‍व कम हो जायेगा।  जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि विधेयक के अंतर्गत अन्‍य पिछडा वर्गों को आरक्षण देने का प्रावधान होना चाहिये। उन्‍होंने आरोप लगाया कि सरकार जातिगत जनगणना का विरोध कर रही है।

  
तृणमूल कांग्रेस के काकोली घोष दस्‍तीदार ने महिलाओं पर अत्‍याचार का मुद्दा उठाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की मांग की।

  
राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिय सुले ने विधेयक के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचि जनजाति और अन्‍य पिछडा वर्ग के लिए आरक्षण देने की मांग की।

  
समाजवादी पार्टी की डिम्‍पल यादव ने भी यही मांग उठाई। उन्‍होंने पूछा कि क्‍या विधेयक के प्रावधान राज्‍यसभा और विधान परिषद पर भी लागू होंगे? उन्‍होंने 2024 के आम चुनाव से पहले विधेयक के प्रावधान तत्‍काल लागू करने पर चिन्‍ता व्‍यक्‍त की।

  
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने जनगणना में देरी का मुददा उठाते हुए कहा कि यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है कि महिला आरक्षण विधेयक वास्‍तव में कब लागू होगा।

  
भाजपा के डॉक्‍टर निशिकांत दुबे ने कहा कि विधेयक के प्रावधान निश्चित तौर पर लागू होंगे। कांग्रेस पार्टी के आरोप का जवाब देते हुए उन्‍होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन कराया जायेगा तथा उसके अनुरूप महिलाओं को आरक्षण दिया जायेगा। केन्‍द्रीय मंत्री और अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि आज लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्‍व 14 प्रतिशत और राज्‍यसभा में 11 प्रतिशत है। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा और राज्‍य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्‍व बढाने के लिए यह विधेयक महत्‍वपूर्ण कदम है। भाजपा के जगदम्बिका पाल ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि नीति निर्माण और  प्रशासन में महिलाओं का प्रतिनिधित्‍व बढेगा।

  
महिला और बाल विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी ने कहा कि इस विधेयक से महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी।

    
वाई एस आर कांग्रेस, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, भारत राष्‍ट्र समिति, शिवसेना, भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी, ए आई एम आई एम तथा अन्‍य दलों के सदस्‍यों ने भी विधेयक पर अपने विचार रखे।

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