चमोली जिले के जोशीमठ में अति संवेदनशील क्षेत्र से हर हाल में निर्माण को हटाया जाएगा। जोशीमठ में हुए भू-धसाव पर 8 वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। रिपोर्ट में ड्रेनेज, पानी के रिसाव के कारण चट्टानों के खिसकने से भू-धंसाव की बात कही गई है। वैज्ञानिकों की रिपोट में कहा गया है कि जोशीमठ क्षमता से अधिक भार वहन कर रहा है। ऐसे में क्षेत्र में नए और भारी निर्माण न करने का सुझाव दिया गया। साथ ही रिपोर्ट में पूरे जोशीमठ के धसने की संभावना को नकारा गया है और प्रभावित क्षेत्रों की लगतार निगरानी और विस्तृत भू-वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। वहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट में जोशीमठ को नो-न्यू कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में जोशीमठ में 9 प्रशासनिक क्षेत्रों में फैले 2 हजार 364 भवनों का व्यापक भौति क्षति सर्वेक्षण किया। रिपोर्ट में भवनों की संवेदनशीलता का आंकलन किया गया है। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि वैज्ञानिक रिपोर्ट भारत सरकार को भी भेज दी गई है और अब सारी रिपोर्ट का उपयोग किसी भी तरह के निर्माण की डीपीआर तैयार करने में किया जाएगा। आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी, उसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
neww | September 26, 2023 6:06 PM | DEHRADUN | Uttarakhand | UTTARAKHAND NEWS
चमोली जिले के जोशीमठ में अति संवेदनशील क्षेत्र से निर्माण हटाया जाएगा
