जी 20 देशों की वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी से संबंधित चौथी बैठक आज मुम्बई में संपन्न हो गई। तीन दिन की इस बैठक में प्रतिभागियों ने छोटे तथा मझोले उद्यमों को मजबूत बनाने, उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान व्यवस्था से सशक्त बनाने और उपभोक्ता संरक्षण जैसे मुद्दों पर मुख्य रूप से चर्चा की।
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि नई दिल्ली घोषणा से जी 20 देशों के नेताओं ने मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी विकास तथा सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडें को पूरी और प्रभावशाली तरीके से अमल में लाने के बारे में प्रतबिद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए छोटे तथा मझोले उद्यम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बैठक के दौरान दो पैनल चर्चाओ में जाने-माने विशेषज्ञों ने छोटे तथा मझोले उद्यमों की चुनौतियों का नवाचार के माध्यम से समाधान करने, पारदर्शिता को बढावा देने, किफायत करने तथा उत्पादकता बढाने पर विचार-विमर्श किया।
बैठक में डिजिटल वित्तीय समावेश के उच्च स्तर, राष्ट्रीय प्रेषित धन योजना, छोटे तथा मझोले उद्यमों के सर्वोत्तम अनुभव और इनके लिए राशि जुटाने की योजनाओं पर अमल के बारे में भी चर्चा की गई। डिजिटल लोक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढाने, वित्तीय साक्षरता और उपभोक्ता सरंक्षण पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। सदस्यों ने नई जी 20 वित्तीय समावेशन कार्ययोजना के तहत सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विजन की दिशा में कार्य जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।