झारखंड के 33 प्रतिशत से अधिक हरा-भरा होने के बाद भी यहां जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के संयुक्त तत्वावधान में हुए अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन में ये बात कही। उन्होंने बताया कि राज्य के उत्तरी-पश्चिमी जिलों गढ़वा, लातेहार और पलामू में औसत तापमान का बढ़ना, बारिश घटना, जंगलों में आग को इसके परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए झारखंड में हरित हाइड्रोजन, जैव इंधन और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में सराहनीय पहल की गई है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है।
neww | September 19, 2023 7:48 PM | Jharkhand | रांची
झारखंड के 33 प्रतिशत से अधिक हरा-भरा होने के बाद भी यहां जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा–प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव
