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भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल-1 को प्रक्षेपित करने की सभी तैयारियां पूरी

भारत के सौर मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण की गिनती शुरू हो गई है। पीएसएलवी-सी-57 का कल दोपहर में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केन्‍द्र से प्रक्षेपण किया जाएगा। उपग्रह को सूर्य और पृथ्वी के बीच लैग्रेंज प्वाइंट एल-1 के आसपास हैलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। यह स्थान धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। 

उपग्रह लैग्रेंज प्वाइंट तक पहुंचने में लगभग चार महीने का समय ल्रगेगा। एल-1 प्वाइंट के पास हैलो ऑर्बिट का फायदा यह है कि यहां से यह उपग्रह बिना किसी बाधा के सूर्य की गतिविधियों का अवलोकन कर सकता है। आदित्य एल-1 मिशन सूर्य के वातावरण और पर्यावरण और उससे संबंधित सभी गतिविधियों का अपनी तरह का पहला अध्‍ययन करेगा। इस पर सात पेलोड लगे हैं।

बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष भौतिकी संस्थान के वैज्ञानिक प्रोफेसर बी. रवीन्द्र ने कहा कि सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के लिए मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश होगा। आकाशवाणी से विशेष बातचीत में प्रोफेसर रवीन्द्र ने कहा कि आदित्य एल-1 पर लगे सात पेलोड से प्राप्त आंकड़ों से कई नये तथ्य सामने आयेंगे।

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