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संसद पर आम नागरिकों के लगातार बढ़ते भरोसे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया पिछले 75 सालों की सबसे बड़ी उपलब्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि संसद पर आम नागरिकों का भरोसा लगातार बढ़ा है, जो पिछले 75 साल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के उतार-चढ़ाव के बीच संसद लोगों के विश्वास का केंद्र रही है। संविधान सभा से लेकर 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख पर चर्चा की शुरुआत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारतीयों की उपलब्धियों की चर्चा हर जगह हो रही है और यह 75 वर्षों के एकजुट प्रयासों का परिणाम है।

श्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों और महान नेताओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने नेतृत्व में देश को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि संसद वह स्थान है जहां भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अपनी वीरता और साहस से अंग्रेजों में दहशत पैदा कर दी थी। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट भाषण की गूंज प्रत्येक नागरिक को प्रेरित करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी सदन में लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 के युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों का हौसला बढ़ाया था। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के उस प्रसिद्ध भाषण को भी याद किया जिसमें उन्होंने कहा था, सरकारें आएंगी और जाएंगी और पार्टियां बनेंगी और मिटेंगी, लेकिन यह देश और इसका लोकतंत्र बचे रहना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपतियों राजेंद्र प्रसाद, अब्‍दुल कलाम, रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू के योगदान को याद करते हुए कहा कि इनके अभिभाषण से सदन लाभांवित हुआ। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल, राम मनोहर लोहिया, चंद्र शेखर, लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य लोगों ने सदन में चर्चा को समृद्ध किया और आम नागरिकों की आकांक्षाओें को आवाज दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से लंबित मुद्दों पर कई ऐतिहासिक फैसले इस संसद में लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संसद में अनुच्छेद 370 को हटाने, वस्तु एवं सेवा कर, वन रैंक वन पेंशन और गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण समेत कई ऐतिहासिक फैसले किये गये। प्रधानमंत्री ने कल से संसद के दोनों सदनों के नये भवन में जाने का जिक्र करते हुए कहा कि पुराने संसद भवन को विदाई देना बहुत भावुक क्षण है। उन्होंने कहा कि हम नई इमारत में जा रहे हैं, लेकिन पुरानी इमारत आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेगी क्योंकि यह भारतीय लोकतंत्र की यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय है। श्री मोदी ने कहा कि इस संसद भवन के 75 साल के इतिहास में देश ने नये भारत के निर्माण से जुड़ी अनगिनत घटनाएं देखी हैं। उन्होंने कहा कि यह वही संसद है जिसने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन और उसका समर्थन देखा था और यह वही संसद है जिसने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर हमला भी देखा था। उन्‍होंने कहा कि संसद पर आतंकी हमला लोकतंत्र पर हमला था। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने संसद की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने इस महीने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जी20 की सफलता देश की सफलता है। श्री मोदी ने कहा कि यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का अवसर है क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति या एक पार्टी से जुड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि आज भारत एक वैश्विक मित्र के रूप में स्थापित हो चुका है और पूरी दुनिया भारत को अपना मित्र बनाना चाहती है। जी20 की सफलता पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने पर हमेशा गर्व महसूस करेगा। उन्होंने कहा कि जी20 घोषणापत्र के लिए आम सहमति बनी और भविष्य के लिए एक रोडमैप बनाया गया।

चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा, यह देश की आधुनिकता, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, हमारे वैज्ञानिकों की शक्ति और 140 करोड़ भारतीयों की ताकत से जुड़ा है।

प्रधानमंत्री ने समय के साथ सदन की बदलती संरचना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समावेशी वातावरण लोगों की आकांक्षाओं को पूरी शक्ति से प्रकट करता रहा है। प्रधानमंत्री ने महिला सांसदों के योगदान का उल्लेख किया जिससे सदन की गरिमा बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में अब तक 7,500 से अधिक सदस्यों ने योगदान दिया है और लगभग 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि सदस्य बड़े जोश और उत्साह के साथ नये भवन में जायेंगे। लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पुराने संसद भवन में आखिरी दिन वास्तव में सभी के लिए एक भावनात्मक क्षण है। उन्होंने कहा कि जब संसद नई इमारत में जाएगी, तो पुराने भवन को पुराने सोने के रूप में याद किया जाएगा। राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और सभी दल इस विधेयक का समर्थन करेंगे।

द्रविड मुन्‍नेत्र कशगम के टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब, वाईएसआर कांग्रेस के श्रीनिवासुलु रेड्डी, जनता दल यूनाइटेड के गिरिधारी यादव, शिवसेना के राहुल शेवाले और अरविन्‍द सावंत, भारतीय जनता पार्टी के राकेश सिंह, अरूण साव और लॉकेट चटर्जी, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन, कांग्रेस के मनीष तिवारी, भारत राष्‍ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, द्रविड मुन्‍नेत्र कशगम के ए. राजा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असद्दुदीन ओवेसी और अन्य सदस्‍यों ने भी चर्चा में हिस्‍सा लिया।

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