सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एम एस एम ई क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति की 28 वीं बैठक आज लखनऊ में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर श्री स्वामीनाथन जे. की अध्यक्षता में हुई।
एम एस एम ई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका विशेषकर 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आर बी आई के डिप्टी गवर्नर ने एम एस एम ई की पूरी संभावना का लाभ उठाने के लिए सभी हितधारकों की ओर से सहयोगात्मक प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एम एस एम ई उधार पर नियामक तंत्र और ऋण की निर्बाध प्रक्रिया के लिए डिजिटल जन प्रौदयोगिकी मंच, अकांउट एग्रीगेटर ढांचे जैसे रिजर्व बैंक द्वारा की गई विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया।
मुम्बई से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस बैठक में एम एस एम ई मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, प्रमुख बैंकों के वरिष्ठ प्रबंधन और नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, सूक्ष्म और लघु उद्यम के क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कम्पनी लिमिटेड, खादी और ग्रामोद्योग तथा भारतीय बैंक संगठन और एम एस एम ई संगठन के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी शामिल हुए।
इसके अलावा एम एस एम ई के लिए ऋण प्रवाह की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने उन्नत ऋण सम्पर्क, व्यापार प्राप्य बट्टाकरण छूट प्रणाली- टी आर ई डी एस की स्वीकृति में तेजी लाने, महिला उद्यमियों के लिए ऋण समर्थन, संकटग्रस्त एम एस एम ई की पुनर्बहाली और पुनर्स्थापित करना और ऋण आश्वासन योजनाओं के लिए डिजिटल समाधान पर विचार विमर्श किया।